Spread the love

प्राकृतिक खेती के लिए वरदान साबित हो सकता है एडवांस जीवामृत

June 07, 2024

प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत वरदान के रूप में कार्य कर रहा है। जीवामृत की एक यूनिट से 100 एकड़ तक खेती की जा सकती है। जीवामृत को सिंचाई से सांथ खेती में उपयोग करने से भूमि में लाभदायक जीवाणुओ की संख्या बढती है। मृदा स्वस्थ बनती है, और फसल उतनी ही बेहतर आती है, इसी के साथ इसके से मृदा में केंचुओ संख्या बढती है। जिला मुख्यालय से 28 किमी दूरी ग्राम सालीखेडा में कई आदिवासी बरेला जनजाति के किसान परिवार रहते हैं, जहां जीवामृत को अपनाया गया है। गांव में 164 किसानो के पास वन अधिकार पत्र हे जिसके आधार पर वह गांव में खेती करते है।

      समर्थन संस्था ‌द्वारा विगत 2 वर्षों से गांव में जैविक खेती को बढावा देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सर्वप्रथम गांव में 2023 में किसान संजय बरेला के खेत पर बोयो इनपुट रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) की स्थापना की गई, जिसमे प्राकृतिक खेती के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक गो मूत्र है। गोमूत्र कलेक्शन के लिए यूनिट बनाई गई। श्री संजय बारेला के खेत पर 5 प्लास्टिक के ड्रम और गोमूत्र कलेक्शन सेंटर के माध्यम से (बीआरसी) को प्रारम्भ किया गया। जिसमें कीट प्रबंधन के लिए चार चटनी, पांच पत्ती काडा, नीम अस्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र जेसी जैविक कीटनाशको और ग्रोथ प्रमोटर और टॉनिक के स्थान पर सोया टॉनिक और कंडा पानी, जीव अमृत का प्रयोग किया गया। बीआरसी सेंटर को धीरे- धीरे तकनीकी रूप से अपडेट किया गया, जिमसे जैविक कीटनाशको को बनाने के लिए कटाई और पिसाई के लिए ग्रेवी मशीन का उपयोग किया गया जिससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा दवाइयों को बनाया जा सके । बीआरसी से 40 किसानों को जोड़ा गया। आज किसान अपनी 2 एकड़ से लेकर 14 एकड़ में जैविक अदानो का प्रयोग कर रहे है।

      इसी प्रकार अप्रैल में बड़वानी जिले के किसानो को एक शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में एडवांस जीवामृत यूनिट को दिखाया गया। जिसके परिणाम स्वरूप ग्राम सालीखेडा में अभय बरेला और बीलखेडा में थॉमस के यंहा एक एक यूनिट को लगाया गया है, जिससे 200 लीटर जीवामृत प्रतिदिन बनाया जा सकता है। यह तकनीक कृषि के क्षेत्र में एक क्रांति के रूप में कार्य करते हुए किसानों की मदद कर सकती है|


कलेक्टर ने पेंशन प्रकरणों को समय-सीमा में शिविर आयोजित कर निराकरण के निर्देश दिये

 मई 22, 2024

जिले में लंबित पेंशन प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में निराकरण के लिए कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने जिले के समस्त आहरण एवं सवितरण अधिकारियों निर्देश दिये कि अपने-अपने कार्यालयों के लंबित प्रेंशन प्रकरणों को शिविर लगाकर शीघ्र अतिशीघ्र निराकरण करें।

कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने इस आशय के निर्देश गत दिवस आयोजित टी०एल० बैठक के अवसर पर जिला अधिकारियों को दिये। जिलें में लंबित पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें अपने अधिनस्थ लेखा सहायक, स्थापना प्रभारी, पेंशन प्रकरण क्रियेटर के साथ लंबित पेंशन प्रकरणों की सेवापुस्तिका एवं समस्त दस्तावेजो के साथ 24 मई को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित शिविर में अनिवार्यतः उपस्थित होना सुनिश्चित करें। शिविर में संबंधित पेंशनर को भी उपस्थित होने के लिए कहा जायाए।साथ ही लंबित पेंशन प्रकरणों में न्यायालय प्रकरणों एवं विभागीय जांच संबंधी लंबित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति एवं आपके द्वारा तत्संबंधी की गई कार्यवाही स्पष्ट करता हुआ पत्र भी साथ लेकर आवें। आपके डीडीओ अंतर्गत कोई नाम छूट गया हो तो उसे भी शामिल करें और कहा कि पेंशन प्रकरण के निराकरण कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाये।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की हीट स्ट्रोक एडवाइजरी स्वास्थ्य संस्थाओं में उपलब्ध हैं लू के उपचार की सभी व्यवस्थाएं

सीहोर : मई 6, 2024,

तापमान में बढ़ोत्तरी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही जिला अस्पताल से लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र तक की संस्थाओं को लू के प्रकरणों के उपचार के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

     हीट स्ट्रोक के प्रारंभिक प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर बनाए गए हैं। उल्टी, दस्त, बुखार के प्रबंधन और उपचार के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं स्वास्थ्य केंद्रों में सुनिश्चित की गई हैं।

गंभीर और घातक हो सकता है हीट स्ट्रोक

     हीट स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे हो सकती है या एकाएक भी आ सकती है। जटिल अवस्था होने पर किडनी काम करना बंद कर सकती है। लू लगने पर अगर तुरंत उपचार न किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

लक्षणों की जल्द पहचान करके बीमारी की गंभीरता को किया जा सकता है कम

     तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना, लू लगने के लक्षण है। इन लक्षणों की पहचान जल्द से जल्द किया जाना जरूरी है, जिससे शीघ्र उपचार शुरू किया जा सके।

विशेष प्रकार के सायबर अपराधों ठगी की शिकायत देखने में आ रही है

अप्रैल 22, 2024

पिछले कुछ समय से एक विशेष प्रकार के सायबर अपराधों की शिकायत देखने में आ रही है, जिसमें आम नागरिकों को किसी इंवेस्टीगेशन एजेंसी/संस्था के वरिष्ठ अधिकारी के नाम से कॉल/व्हाट्सएप कॉल करके बड़े पैमाने पर ठगी के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य सायबर पुलिस भोपाल द्वारा आम नागरिकों को सलाह। खुद को साइबर ठगों से बचाने के लिए सबसे जरूरी है जागरूकता व सतर्कता लालच और लापरवाही के कारण साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं।

कार्य प्रणाली

पिछले कुछ समय से एक विशेष प्रकार का अपराध देखने में आ रहा है, जिसमें सायबर अपराधी कॉल अथवा व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क करते हैं। यह कॉल अधिकांशतः +92(पाकिस्तानी) नम्बर या किसी अन्य देश के नम्बर(+91 के अतिरिक्त) से आते हैं। संदिग्ध व्यक्ति कॉल करके आपको डराते हुये यह कहते हैं कि आपके PAN / AADHAR कार्ड का उपयोग करके पार्सल भेजा गया है, जिसमें नार्कोटिक्स (नशीली) सामग्री है। जालसाज NCB/CBI/ED/NIA आदि इंवेस्टीगेशन एजेंसी के अधिकारी के नाम से बदल-बदल कर कभी कॉल, कभी व्हाट्सएप वीडियो कॉल करते हैं, और कहते हैं कि उन्होंने आपके नाम से एक पार्सल पकड़ा है, जिसमें नार्कोटिक्स (नशीली) सामग्री है।

जालसाजों द्वारा कभी आपको कोर्ट फीस देने या जमानत देने के नाम से अथवा आपका नाम केस से हटाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है। कभी-कभी वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी से बात करने को भी कहते हैं। वीडियो कॉल पर रहते हुये आपको एक फर्जी नोटिस दे दिया जाता है, जिसमें आपको डिजिटल अरेस्ट करते हुये घर में ही रहने को कहा जाता है। और कहा जाता है कि आप स्वयं को किसी कमरे में बंद करलें तथा उनके सभी सवालों के जवाब दें। यह भी कहा जाता है कि कैमरे के सामने ही रहना है, कमरे में यदि कोई और आया तो आप दोनों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। धीरे-धीरे आपको और अधिक डराया जाता है और आपकी निजी व खातों तथा विभिन्न इंवेस्टमेंट की जानकारी आपसे ले ली जाती है। अंत में यह कहकर कि शायद आपको गलत फंसा दिया गया है, आप जांच पूरी होने तक अपना पैसा आरबीआई/भारत सरकार के खाते में जमा कर दें, जो जांच पूरी होने के बाद आपको लौटा दिया जायेगा। इस पूरी कार्यवाही के दौरान आपको न ही किसी से संपर्क करने का मौका दिया जाता है, न ही बाहर जाने दिया जाता है और इस प्रकार आपसे मोटी रकम जमा करा ली जाती है।

एहतियात

अनजान नम्बर खासकर जो +92 से शुरु होते हों, से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल/वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं। भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है। अतः किसी के कहने पर या डर से खुद को कहीं बंद न करें। अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार आदि को किसी के साथ साझा न करें। कोई भी संस्था आपसे आपका निजी पैसा किसी भी शासकीय खाते में जमा करने या सुरक्षित करने की सलाह नही देता। अतः कभी भी अपना पैसा किसी अनजान खाते में ट्रांसफर न करें। यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in याCyber Crime Help Line (Toll Free) नम्बर 1930 पर करें।

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की आजादी को ध्यान में रख कर ही हमने पत्रकारिता की शुरुआत की है. वर्तमान परिवेश की परिश्थितियों को समझते हुये क्रांति के इस युग में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समाज में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन कर समाज को एक नई दिशा मुहैया करा रहा है

समाचार

सम्पादक मंडल

Address: Harihar Bhavan Nowgong Dist. Chatarpur Madhya Pradesh ,

Mobile No.  : 98931-96874

Email : santoshgangele92@gmail.com ,

Web : www.ganeshshankarsamacharsewa-in.preview-domain.com

Web : www.gsssnews.in

Ganesh Shankar Samachar Seva  @2024. All Rights Reserved.