दुनिया में चमत्कार की कई कहानियों ने लोगों को खूब चौंकाया है. चमत्कार की हर कहानी एक-दूसरे से परे होती है. कोई चमत्कार किसी से कम नहीं होता लेकिन अहमदाबाद विमान हादसे में बच गए रमेश कुमार विश्वास का जीवित बच जाने से आज चमत्कार भी मानो चकित है. कहावत पुरानी है- जाको राखे साइयां मार सके न कोय… आदि आदि. लेकिन जिसका जीवन चमत्कार में बच जाय, वह पुनर्जीवन से कम नहीं. यमराज के चंगुल से यूं छूट जाना, जैसे हनुमान ने सुरसा को चकमा दे दिया था.
रमेश विश्वास का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले क्रैश साइट पर पहुंचे और घायलों से मिलने, उनका हाल जानने गए. इसी दौरान उन्होंने भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश कुमार विश्वास से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में रमेश विश्वास ने जो आंखों देखा हाल सुनाया, वह भयानक था. इन्हीं भावों को व्यक्त करती एक स्वरचित कविता:-
चमत्कार में विश्वास
जिस पर विश्वास ना हो
वह चमत्कार है
जो दिखाई न दे वह जादू है
लेकिन ये कायनात है
यहां कभी-कभी चमत्कार भी चकित रह जाता है
जादू के साथ भी जादूगरी हो जाती है
रमेश विश्वास अब इसी चमत्कार का दूसरा नाम हैं
चमत्कार पूछ रहा है- तुम जादू हो या चमत्कार
तुम कूची, कैनवस हो या कि कलाकार
या तुम चमत्कार का कोई नया वैरियंट हो!
चमत्कार के इस वैरियंट को क्या नाम दें!
गोया कि लोग चमत्कार को नमस्कार करते हैं
अगरचे चमत्कार महज एक मुहावरा भी है
बाजार में चमत्कार एक मुकम्मल मसखरा है
लेकिन ये कहानी चमत्कार में विश्वास की है
या विश्वास के चमत्कार की-
इसकी तफसील अब जरूरी है
विश्वास को भरोसा नहीं हो रहा
वह लाशों के ढेर पर चला था
विश्वास को यकीन नहीं हो रहा
आंखों के आगे वोल्कैनो-सा फटा था
विश्वास को समझ नहीं आ रहा
वह विमान में था या यमराज की गोद में
विश्वास को देख दुनिया दंग है
जहां सैकड़ों इंसान राख का ढेर बन गए
वहां विश्वास काल के आगे बिजूका कैसे बन गए!
कुछ भी कहिए इस हौलनाक कहानी से
विश्वास को यकीनी मजबूती मिली है,
चमत्कार में सबको विश्वास हो ना हो
विश्वास का चमत्कार दुनिया का भरोसा है।