12 दिसंबर 2024। सिंगापुर में FIDE शतरंज टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला। भारत के 18 साल के गुकेश और चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन के बीच पिछले 13 मुकाबलों में स्कोर बराबरी पर था। ये मुकाबला भी ड्रॉ होता तो स्पीड चेस से वर्ल्ड चैंपियन का चुनाव होता।
काले मोहरों से खेल रहे गुकेश एक रुक (हाथी), एक बिशप (ऊंट) और 2 पॉन (प्यादे) के साथ मैदान पर थे। जबकि डिंग एक रुक (हाथी), एक बिशप (ऊंट) और 1 पॉन (प्यादे) के साथ बराबर की टक्कर पर थे।
मैच की 55वीं चाल में डिंग ने वो गलती की जिसके बाद गुकेश ने उन्हें किंग-पॉन एंडगेम का शिकार बना लिया। चेसबोर्ड पर क्या घटा, इन तस्वीरों से समझिए-
इस चाल के बाद डिंग के पास किंग के साथ 1 पॉन बचा। जबकि गुकेश के पास किंग के साथ 2 पॉन बचे थे। इसे किंग-पॉन एंडगेम एडवांटेज कहते हैं। इसका मतलब था कि डिंग किसी भी चाल से गुकेश को हरा नहीं सकते थे। इसके बाद उन्होंने रिजाइन कर दिया और गुकेश गेम जीतकर वर्ल्ड चैंपियन बन गए।
गुकेश चेस के वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे प्लेयर बने। उनसे पहले 2012 में विश्वनाथन आनंद चेस चैंपियन बने थे।
गुकेश को मिले 11.45 करोड़ रुपए
इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) के 138 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एशिया के 2 खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन के खिताब के लिए आमने-सामने थे। क्लासिकल गेम में एक जीत पर प्लेयर को 1.69 करोड़ रुपए मिले। यानी 3 गेम जीतने पर गुकेश को 5.07 करोड़ और 2 गेम जीतने पर लिरेन को 3.38 करोड़ रुपए सीधे ही मिल गए। बाकी प्राइज मनी दोनों प्लेयर्स में बराबर बांटी गई यानी गुकेश को 11.45 करोड़ और लिरेन को 9.75 करोड़ रुपए का इनाम मिला।
कौन हैं डी गुकेश?
गुकेश डी का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी।
नागैया इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं।