दक्षिण अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने पाकिस्तान में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान के बहिष्कार का समर्थन किया है। यह विवाद अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद महिलाओं के अधिकारों में हो रहे उल्लंघन के कारण उठ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर बहिष्कार की मांग बढ़ रही है।
स्पोर्ट्स डेस्क, इंदौर। Champions Trophy 2025: दक्षिण अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने पाकिस्तान में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान के बहिष्कार का समर्थन किया है। इस मामले ने इंटरनेशनल क्रिकेट जगत में नए विवाद को जन्म दिया है।
दरअसर, यह विवाद अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद शुरू हुआ था। तालिबान की सरकार ने महिलाओं के बुनियादी अधिकारों को बहुत सीमित कर दिया है।
अफगानिस्तान के खिलाफ क्रिकेट का हो बहिष्कार
- गेटन मैकेंजी ने क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) से अफगानिस्तान के खिलाफ अपने चैंपियंस ट्रॉफी मुकाबले पर फिर से सोचने की अपील की है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट का खेल से दुनिया भर में एक खास संदेश जाता है। हमें अफगानिस्तान की महिलाओं के अधिकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
- मैकेंजी का कहना है कि वह इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए आखिरी व्यक्ति नहीं हैं, लेकिन मेरा मानना है कि अफगानिस्तान के खिलाफ खेला नही जा सकता है। ऐसा करना उनकी सरकार की नीतियों का मौन समर्थन माना जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बहिष्कार की बढ़ती आवाजें
- यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी बढ़ता जा रहा है। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश भी यही मांग कर रहे हैं। ब्रिटेन के 160 से अधिक राजनेताओं ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से अफगानिस्तान के खिलाफ बहिष्कार की अपील कर दी है।
- इसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने भी अफगानिस्तान के खिलाफ अपनी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज को स्थगित कर दिया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तालिबान शासन में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों में हो रहे उल्लंघन पर चिंता जताई थी।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका का बयान
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने इस मामले पर कहा है कि वे आईसीसी से राय लेंगे, क्योंकि चैंपियंस ट्रॉफी एक आईसीसी प्रोग्राम है। सीएसए ने अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन निंदा की है। हमारा मानना है कि यह मामला आईसीसी के नियमों के तहत निपटाया जाना चाहिए।
इससे पहले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया भी अफगानिस्तान के खिलाफ नजर आए थे। अब यह देखना बाकी है कि दक्षिण अफ्रीका इस मामले पर क्या कदम उठाएगा।