पक्षीराज गरुड़ को भगवान श्रीहरि विष्णु का वाहन कहा जाता है। एक बार पक्षीराज गरुड़ ने भगवान विष्णु से प्रश्न पूछा कि मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, यमलोक तक की यात्रा, नरक, योनि और पापियों की दुर्गति से जुड़ी कई रहस्यमय और रहस्यपूर्ण बातें हैं। भगवान विष्णु ने गरुड़जी को उनकी जिज्ञासा शांत करने के लिए जो ज्ञानपूर्ण उपदेश दिया, वह ज्ञानपूर्ण उपदेश गरुड़ पुराण कहा जाता है। गरुड़जी के प्रश्न पूछने पर ही भगवान विष्णु ने स्वयं मृत्यु के बाद के गूढ़ रहस्य और परम कल्याणकारी बातें बताईं। भगवान श्रीहरि विष्णु द्वारा प्रतिपादित यह पुराण मुख्यतः वैष्णव पुराण है। गरुड़ पुराण का ज्ञान ब्रह्माजी ने महर्षि वेदव्यास को सुनाया था। उसके बाद महर्षि वेदव्यास ने इसे अपने शिष्य महर्षि सूतजी को दे दिया था और महर्षि सूतजी ने इसे नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषियों को दे दिया था। गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ ऐसे काम है जिसे भूलकर भी नहीं करना चाहिए अन्यथा मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। आइए जानते हैं क्या है वो कार्य।
बासी खाना न खाएं
गरुड़ पुराण के अनुसार बासी भोजन नहीं करना चाहिए। बासी भोजन जहर के समान माना गया है। इसके सेवन से आयु कम होती है ।
सुबह जल्दी उठें
गरुड़ पुराण के अनुसार लंबी आयु के लिए आपको सुबह जल्दी उठना होगा। देर तक सोने से स्वास्थ्य पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है और साथ मां लक्ष्मी भी नाराज रहती हैं। जो लोग सुबह जल्दी उठकर ध्यान आदि लगाते हैं उनके घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता।
किसी को कष्ट न दें
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी व्यक्ति को न मानसिक रूप से और न ही शारीरिक रूप से कष्ट पहुंचाना चाहिए। गुरुड़ पुराण में कहा गया है कि ऐसा करने वालों को जीवन में कभी सुख नहीं मिलता। ऐसे करने वालों की पद-प्रतिष्ठा सब मिट्टी में मिल जाती है और धन भी छिन जाता है।
किसी को धोखा न दें
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी व्यक्ति को धोखा नहीं देना चाहिए। जो व्यक्ति किसी के साथ विश्वासघात करते हैं वे पाप की श्रेणी में आते हैं। ऐसा करने वाला नर्क की अग्नि में जलता है।
कंजूसी न बनें
गुरुड़ पुराण के अनुसार धनवान होकर भी हमेशा गरीबी या आर्थिक तौर पर कंजूसी का दिखावा नहीं करना चाहिए। जो लोग इस तरह का व्यवहार करते हैं उनसे मां मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और घर में सदैव दरिद्रता का वास होता है।